मन, शरीर का सूक्ष्मतम रूप है और शरीर, मन का स्थूल रूप है.. इसे हम कई सन्दर्भों में समझ सकते…
Category: वैदिक भारत
वैदिक सभ्यता का कालक्रम ज्योतिष के विश्लेषण से ४००० ई पू तक जाता है।
शबरीमाला मंदिर विवाद : आस्था एवं अहंकार की राजनीति के मध्य एक द्वन्द
आस्था का उद्भव ही अहंकार के तिरोहण से है.. आस्था का मार्ग है समर्पण का.. स्वयं के इष्ट के प्रति..…
भारतीय समाज को बाँटने हेतु इतिहास के कुछ बड़े झूठ
इतिहास ना सिर्फ हमारे अतीत का दर्पण होता है बल्कि भविष्य की दिशा और संभावित रूपरेखा भी होता है|…
रामायण: क्रौंच-वध से शम्बूक-वध के आधुनिक प्रयासों तक
हमारी मान्यताएं ही हमारे चरित्र का आधार है, चाहे वो नैतिक हो अथवा धार्मिक.. लेकिन जो मान्यताओं तक ही बंध…
अंगकोर वाट मंदिर – रहस्य से इतिहास की ओर
आस्था का कोई नियत स्थान तो नही होता परंतु नियत स्थानों से आस्था का उद्भव अवश्य हो सकता है। कभी…
पोल: राम सेतु की ऐतिहासिकता
विदेशी शोधकर्ताओं द्वारा ऐतिहासिकरूप से सिद्ध रामसेतु की हमारे लोगों द्वारा उपेक्षा का क्या कारण है ?