- Shri Vallabhacharyaji: इस सेवा भाव के चलते भगवान श्रीकृष्ण ने वल्लभाचार्य जी को दिए थे अपने दर्शनवेदांत के संप्रदायों में महाप्रभु वल्लभ संप्रदाय अपनी एक अलग विशेषता रखता है। वल्लभाचार्य जी ने विशेष सिद्धांतों की नींव पर वैष्णव संप्रदाय का भवन खड़ा किया। उन्होंने वेदांत सूत्रों को लेकर अणुभाष्य किया और श्रीमद्भगवद्गीता को लेकर सुबोधिनी तथा अनेक ग्रंथों व सूत्रों की रचना कर शुद्धाद्वैत के सिद्धांतों... Read more »
- Shri Bade Hanuman Ji Mandir: इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन मात्र से हर मनोकामना होती है पूरीइस मूर्ति की कथा का मूल जहां हमें वाल्मीकि रामायण में देखने को मिलता है वहीं इसके संबंध में विशेष आध्यात्मिक बातें आनंद रामायण कृतिवासीय रामायण भावार्थ रामायण रंगनाथ रामायण अध्यात्म रामायण संहिता आदि प्राचीन ग्रंथों में पढ़ने को मिलती हैं। बड़े हनुमान जी की मूर्ति के संबंध में जनश्रुति... Read more »
- Hindu Nav Varsh 2024: जानें, विक्रम संवत 2081 के राजा और मंत्री कौन हैं और कैसा रहेगा वर्षफल ?Hindu Nav Varsh 2024 हिंदुओं का वर्षारंभ नास्ति मातृ समोगुरुः पर आधारित है जिसका अर्थ है माता के समान अन्य कोई गुरु नहीं है। गुरुरूपिणी माता की वंदना-उपासना से नए वर्ष का आरंभ होता है और वह भी न केवल एक दिन अपितु नव दिन पर्यंत। इस दिन श्रद्धाभक्ति पूर्वक... Read more »
- Sheetala Ashtami 2024: शुद्धता की देवी मां शीतला शरण आए जरूरतमंदों का करती हैं कल्याणपौराणिक मान्यता है कि जो व्यक्ति माता की आराधना पूर्णमनोयोग से करता है उससे शीतला देवी प्रसन्न होती हैं और उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं जिससे व्रती के कुल में दाहज्वर पीतज्वर विस्फोटक फोड़े नेत्रों के रोग शीतला की फुंसियों के चिह्न तथा शीतलाजनित दोष दूर हो जाते हैं।... Read more »
- चिंतन धरोहर: किसी भी संबंध में आकर्षण का नहीं, प्रेम का होना आवश्यक हैकिसी भी संबंध में आकर्षण का नहीं प्रेम का होना आवश्यक है। प्रेम में आप अपने प्रिय व्यक्ति की अधीनता स्वीकार कर लेते हैं जबकि आकर्षण में ऐसा नहीं होता। प्रेम और आकर्षण में यही अंतर है। हालांकि आकर्षण पहली सीढ़ी है लेकिन आप पहली ही सीढ़ी पर तो नहीं... Read more »
- कृष्ण ने धरा गौरांग रूप, चैतन्य महाप्रभु की जयंती पर जानिए उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण बातेंकृष्ण नाम संकीर्तन का आरंभ करने वाले गौरांग चैतन्य महाप्रभु की जयंती 25 मार्च को है। श्री चैतन्य महाप्रभु और मेरे प्राणधन श्री राधारमण देव में कोई अंतर नहीं है। हम श्री राधा रमणीय गोस्वामी एक ही बात जानते और मानते हैं - राधा रमण छांड़ि अमि और किछु जानी... Read more »
- भगवान श्री राम ने शबरी को इस वजह से प्रिय कहकर किया धन्यसत्संग के बिना जीवन और व्यवहार में भक्ति की गंगा कर्म की यमुना और ज्ञान की सरस्वती का प्रवाह संभव नहीं है। इनके संगम के अभाव में हमारे विचार पक्ष का प्रयोग जब विचार जीवन में किया जाएगा तब जीवन की प्रयोगशाला में असफल हो जाएगा। वह भगवान के चरित्र... Read more »
- ऋषि याज्ञवल्क्य ने जीवन को यज्ञमय बनाने के लिए किया अधिक परिश्रमभारत को भारत बनाने में हमारे ऋषियों की विशेष तप साधना है। उन्होंने अपनी तप साधना से भारत को अजस्र अनुदान दिया है। इन्हीं ऋषियों में से एक हैं ऋषि याज्ञवल्क्य जिन्होंने यज्ञीय ज्ञान-विज्ञान पर विशेष शोष कार्य किया और उस विद्या का अधिकाधिक प्रसार किया। यज्ञीय ज्ञान-विज्ञान के सम्यक... Read more »
- जीवन दर्शन: इन जगहों पर न करें क्रोध, जीवन के लिए सत्य, प्रेम और करुणा है जरूरीइसमें कोई संदेह नहीं है कि युवाओं में कथा सत्संग अध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ रही है। सदियों से माना जाता रहा है कि जो संसार में कोई काम करने लायक नहीं रहे ऐसे लोग ही सत्संगों कथाओं में पहुंचते हैं। मेरा 50 साल से भी ज्यादा का अनुभव है... Read more »
- मां सरस्वती की पूजा से दूर होगा जीवन का अंधकारसंत पंचमी तिथि में भगवती सरस्वती का प्रादुर्भाव होने के कारण संसार में सर्वत्र इसे विद्या जयंती कहा जाता है। सरस्वती विद्या और बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनकी कृपा का वरदान प्राप्त होने की पुण्य तिथि हर्षोल्लास के साथ मनाएं यह उचित ही है। दिव्य शक्तियों के मानवीय आवृत्ति... Read more »